नई दिल्ली, नव ब्यूरो। 2जी मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में छिड़े विवाद के बाद अब उसका कार्यकाल मानसून सत्र तक बढ़ा दिया गया है। सोमवार को लोकसभा में इस बाबत पेश किए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। अब इसे राज्यसभा से स्वीकृति मिलनी बाकी है। इस तरह से मार्च, 2011 में स्थापित की गई जेपीसी का कार्यकाल पांचवीं बार बढ़ाया जा रहा है।
अध्यक्ष पीसी चाको ने जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जेपीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को लेकर तब राजनीति गरमाई थी, जब इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को तो बरी कर दिया गया था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत उनके दो मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया गया था। इस पर विपक्ष ने एकजुट होकर अध्यक्ष पीसी चाको को हटाने की मांग कर दी थी। इसके बाद कांग्रेस ने भी भाजपा के तीन सदस्यों को समिति से हटाने की मांग की थी।
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने खुद को इस टकराव से बचाते हुए समिति के अंदर ही सभी मुद्दों को सुलझाने को कहा था। ऐसे में रिपोर्ट पर कोई विचार संभव नहीं था। लिहाजा कार्यकाल मानसून सत्र तक बढ़ा दिया गया है। पहले रिपोर्ट 10 मई तक सदन में पेश की जानी थी।