जयपुर, [नरेंद्र शर्मा]। राजस्थान में रह रहे ऐसे पाकिस्तानी हिंन्दुओं को विशेष पहचान पत्र दिए जाएंगे जो काफी समय से यहां रह रहे हैं, लेकिन उन्हें कानूनी पेचीदगियों के चलते अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकी है। राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर सहित अन्य इलाकों में रह रहे ऐसे हिंदुओं को पासबुक भी दिए जाएंगे, जिनमें उनको दी जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख होगा।
राज्य सरकार के निर्देश पर 1995 से भारत आए पाकिस्तानी हिंदुओं के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं। जोधपुर संभागीय आयुक्त के मार्गदर्शन में यह काम जारी है। नियमों के मुताबिक साढ़े सात वर्ष यहां रहने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाती है। इसके चलते 2006 के बाद आए पाकिस्तानी हिंदुओं को यहां की नागरिकता नहीं मिल सकी है। हालांकि उन्हें यहां रहने की लंबी अवधि का स्थायी वीजा मिल गया है। इसके लिए अब तीन श्रेणियां बनाई जाएंगी। पहली श्रेणी में वे होंगे, जिन्हें यहां आए पांच वर्ष से अधिक हो गया है लेकिन अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। दूसरी श्रेणी में वे होंगे, जो पांच साल से यहां रह रहे हैं। तीसरी श्रेणी में वे होंगे जिन्हें भारत में रहते पांच वर्ष से कम समय हुआ है।
योजना के अनुसार, इन लोगों को मिल रही सुविधाओं पर भी गौर किया जाएगा। चूंकि भारतीय नागरिक नहीं होने के कारण ये यहां जमीन नहीं खरीद सकते इसलिए सबको भूमिहीन श्रमिक का दर्जा दिया जाएगा।