विचार-मंच

आस्था ही भक्ति व भक्त का कवच

स्था के पवित्र सरोवर में खिले भावकमल ही प्रभुकृपा का उत्तम प्रसाद पाने के एकमात्र अधिकारी हैं। आस्था की दृढ़ता अपने और अपने आराध्य के मध्य मिलन की दूरी व खाई को पाट देती है। आस्था अपने मंतव्

कॉफ़ी शॉप में बैठी थी और मिल गया टीवी सीरियल में लीड रोल

शो ढाई किलो प्रेम की लीड एक्ट्रेस अंजलि आनंद ने अपने का मज़ाक उड़ाने वालों को एक करारा जवाब दिया है। शो का कांसेप्ट भी बॉडी शमेर्स के लिए ही है

हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेद-भाव क्यों?

देश में एक बार फिर से हिंदी बनाम अंग्रेजी कि लड़ाई जोरों पर है। विषय है संघ लोक सेवा आयोग कि परीक्षा में हिंदी भाषा की उपेक्षा का। बात सिर्फ संघ लोक सेवा आयोग तक ही सीमित नहीं है, मैं 29 जून

राजनीतिक प्रचार की पहली पसंद है सोशल मीडिया : खेमचंद शर्मा

देश का हर युवा, हर वर्ग बीजेपी और मोदीमय हुआ है हमारा यही प्रयास रहा है कि अधिक से अधिक लोगों को सोशल मीडिया से जोड़ा जाए : खेमचंद्र शर्मा

ब्लैकमेलिंग – नो मोर

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 272 प्लस के मिशन को नया इंजन लगाया और चुनाव के मध्य से ही 300 कमल मांगने लगे थे। कहते हैं कि ईश्वर जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है।



  • भारत का एक ऐसा राष्ट्रपति जो कार्यकाल के दौरान ही चल बसा...

     
    जाकिर हुसैन को दुनिया एक बेहतरीन राजनेता, शिक्षाविद् और सुलझे हुए व्यक्ति के तौर पर जानती है. उनका इंतकाल साल 1969 में 3 मई के रोज हुआ था.... More
  • आस्था ही भक्ति व भक्त का कवच

     
    स्था के पवित्र सरोवर में खिले भावकमल ही प्रभुकृपा का उत्तम प्रसाद पाने के एकमात्र अधिकारी हैं। आस्था की दृढ़ता अपने और अपने आराध्य के मध्य मिलन की दूरी व खाई को पाट देती है। आस्था अपने मंतव्य, गंतव्य व आराध्य को पाने की वह जादुई डोरी है जिसकी शक्ति, भक्ति व सामथ्र्य से प्रभु, प्रेमी व लक्ष्य स्वयं ही उसकी ओर आकर्षित होते चले आते हैं। पक्के और दृढ़ इरादों से विरचित आस्था के मंसूबे धारक को उसकी मनोकामनाओं की अंतिम मंजिल तक पहुंचाने की गारंटी देते हैं। आस्था अपने साथ विश्वास, नैतिकता, मूल्य व जीवटता... More
  • कॉफ़ी शॉप में बैठी थी और मिल गया टीवी सीरियल में लीड रोल

     
    शो ढाई किलो प्रेम की लीड एक्ट्रेस अंजलि आनंद ने अपने का मज़ाक उड़ाने वालों को एक करारा जवाब दिया है। शो का कांसेप्ट भी बॉडी शमेर्स के लिए ही है... More
  • our thoughts

     
    Question Bank ****************************************************** काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को, काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को,... More
  • हिंदी भाषी छात्रों के साथ भेद-भाव क्यों?

     
    देश में एक बार फिर से हिंदी बनाम अंग्रेजी कि लड़ाई जोरों पर है। विषय है संघ लोक सेवा आयोग कि परीक्षा में हिंदी भाषा की उपेक्षा का। बात सिर्फ संघ लोक सेवा आयोग तक ही सीमित नहीं है, मैं 29 जून 2014 को खुद विश्व विधालय अनुदान आयोग कि "राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा" देकर आया हूँ। प्रश्न पत्र में अग्रेजी के शब्दों का जो हिंदी अनुवाद होना चाहिए वह विल्कुल नहीं था।... More
  • राजनीतिक प्रचार की पहली पसंद है सोशल मीडिया : खेमचंद शर्मा

     
    देश का हर युवा, हर वर्ग बीजेपी और मोदीमय हुआ है हमारा यही प्रयास रहा है कि अधिक से अधिक लोगों को सोशल मीडिया से जोड़ा जाए : खेमचंद्र शर्मा... More
  • ब्लैकमेलिंग – नो मोर

     
    गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 272 प्लस के मिशन को नया इंजन लगाया और चुनाव के मध्य से ही 300 कमल मांगने लगे थे। कहते हैं कि ईश्वर जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है।... More
  • मोदी विकास और प्रियंका

     
    आज विकास कहते ही दिमाग में अचानक लोगों की जुबान पर गुजरात माडल अनजाने में ही निकल पड़ता है। 2014 के चुनाव का नतीजा चाहे जो हो, पर यह चुनाव लोगों को सालों साल याद...... More
  • तेरा हीरो किधर है

     
    आजकल एक गाना बड़े जोर शोर से हर तरफ बजता है और बहुत ही चर्चा का विषय भी गाना है तेरा धियान किधर है कि तेरा हीरो इधर है. आज कल हर राजनेता इसी बात को जताने में लगा हुआ है। चाहे वो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ...... More
  • ...टोपी की शान

     
    एक बार एक पत्रकार ने उनसे इसपर सवाल पूछा तो मजाकिया लहजे में उनका जवाब था कि- “आमी टूपी पोरी कारोन आमाके जेमोन केउ टूपी पोराते ना पारे” पर्याय यह था कि मैं टोपी इसलिए पहनता हूं ताकि कोई और मुझे टोपी न पहना सके। गांधी के जमाने की आन –बान और शान समझी जाने वाली टोपी अब वो टोपी नहीं रही। अब लोग टोपी पहनकर एक दूसरे को टोपी पहना रहे हैं। क्या मर्यादा... More
  • नई सरकार, चुनौती अपार

     
    भारत की अर्थव्यवस्था हिचकोले खा रही है, रुपया डगमगा रहा है आधारभूत ढांचे का विकास भी ठहर गया है सांप्रदायिक हिंसा बड़ा मुद्दा है, कुुल मिला कर अगली सरकार के सामने चुनौतियों का पहाड़ है नई सरकार बनाने वाले गठबंधन को जुलाई तक बजट पेश करना होगा, बजट के जरिए नई सरकार को ये भी... More
  • राजनीति का भविष्य

     
    आणवाडी जी इतने वरिष्ठ पर बात बात पर नाराज होते हैं फिर पार्टी वाले मनाते हैं तो बच्चे की तरह मान जाते हैं फिर मोदी की प्रशंसा भी कर देते हैं। इतना ओछापना क्यों ? आज राजनीतिज्ञ सोशल मीडिया और टेलीविजन में अपना काम दिखाने की होड़ में मात्र लगे हैं। भले शिलांयास तक कार्य का न किया हो पहले राजा गण वेश बदलकर राज्य का हाल जानने जाते थे। पर अब सिक्यूरिटी के...... More
  • मोदी और गुजराती माडल

     
    2014 का चुनावी माहौल सचमुच अचरज और दिलचस्प भरा होता जा रहा है। भारत में पूंजीवाद की जड़ मजबूत होती जा रही है। यह देश के हित के लिए अच्छी खबर हो सकती है। पर हर हर मोदी ,घर –घर मोदी का नारा और नमो–नमो का नारा का रुख क्या पूंजीवाद की तरफ ईशारा कर रहा है ? वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन...... More
  • कांग्रेस में है दम

     
    भारतीय राजनीति में कांग्रेस का हमेशा दबदबा रहा है और ज्यादातर समय यही पार्टी सत्तारुढ़ रही है। पिछले दस वर्षों से भी यही सत्ता पर काबिज है। हालांकि, वर्तमान लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी को थोडे़ मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अमूमन यह होता है, जब आप सत्ता में लंबे समय तक रहते हैं।... More
  • राहुल की राह किस डगर

     
    राहुल गांधी एक ऐसा नाम जिसे पहचान की कोई जरुरत नहीं, पर आज के दौर में जनता का विश्वास कहीं खिसक सा गया है। हाल ही में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के अघोषित दावेदार राहुल गांधी और उनकी माताजी सोनिया गांधी पर चुटकी ले डाली कि अपने बेटे की बलि जानबूझकर कोई मां नहीं चढायेगी। राहुल गांधी की स्थिति एक तरफ कुंआ तो दूसरी तरफ खाई नजर आती है। जिस परिवार से राहुल आते हैं उस परिवार का राजनैतिक इतिहास रहा है, हर परिवार की इच्छा होती है कि उसका चिराग उसके वंश क... More
1 2 3 4  Records: 1 - 15 of 54


> >

1/4

अधिकतम देखे गए


संबंधित खोज
  • हमारे विचार