कोलकाता [नव ब्यूरो]। मार्क्स और लेनिन की तरह बंगाल के कम्युनिस्ट अब विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति पर भी माल्यार्पण करेंगे। 25 वैशाख गुरुवार को जोड़ासांको स्थित ठाकुरबाड़ी जाकर रवींद्र जयंती के मौके पर वाममोर्चा के नेता कविगुरु की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा ज्ञापन करेंगे। लगभग एक सदी बाद कामरेडों के अंदर अचानक रवींद्र प्रेम उमड़ा है।
पार्टी स्तर पर रवींद्र जयंती मनाने पर वाममोर्चा में आम सहमति बनी है। बंगाल के कम्युनिस्ट इतिहास में यह पहला मौका है जब कामरेड रवींद्रनाथ की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे। 1913 में नोबेल पुरस्कार पाने के बाद पूरी दुनिया में जहां रवींद्रनाथ टैगौर विश्वकवि के रूप में जाने गए वहीं कम्युनिस्टों ने उन्हें बुर्जुआ [सामंत] कवि मान कर उनसे दूरियां बनाए रखी। यह बाद दूसरी है कि सरकारी स्तर पर आयोजित रवींद्र जयंती कार्यक्रम में वाममोर्चा के नेता भाग लेते थे, पर पार्टी स्तर पर नहीं।