नई दिल्ली।। उत्तर प्रदेश सरकार के गले की फांस बने सैफई महोत्सव को लेकर उठ रहे सवालों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सब्र का बांध शुक्रवार को टूट गया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया को जमकर लताड़ा।
अखिलेश यादव ने कहा कि मीडिया बहुत गैरजिम्मेदार तरीके से काम कर रहा है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि सैफई महोत्सव पर 300 करोड़ रुपये खर्च होने की बात सरासर झूठी है और इसके लिए अखबारों को माफी मांगनी चाहिए।
यूपी के सीएम ने कहा कि मीडिया ने ऐसे-ऐसे शब्द इस्तेमाल किए हैं कि शर्म आती है। उन्होंने कहा, 'सैफई महोत्सव का एक तय बजट है। हर साल 6-7 करोड़ रुपये ही खर्च होते हैं। इस बार भी 10 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च नहीं हुए हैं और यह पैसा चंदे से जमा किया गया है। यह गरीबों का महोत्सव है, बताइए क्या कहीं और गरीबों के लिए इतना बड़ा महोत्सव होता है?'
अखिलेश सैफई महोत्सव में आए कलाकारों से मुजफ्फरनगर को लेकर सवाल पूछे जाने पर भी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के लिए मैं जवाबदे हूं, कलाकार नहीं, इसलिए किसी कलाकार के पिता से सवाल पूछने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने सैफई महोत्सव को जायज ठहराते हुए कहा, 'हर कोई यूपी में टूरिजम की बढ़ोतरी चाहता है, इंडस्ट्री चाहता है और ऐसा हो भी रहा है। अब उद्योगपतियों को क्या पता कि मुजफ्फरनगर क्या है।' (n)