लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 लाख युवाओं से अब वादाखिलाफी करने का मन बना लिया है। दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से दसवीं पास युवाओं को टैबलेट बांटने की योजना को सरकार ने दो साल की हीलाहवाली के बाद शुरू करने के पहले ही बंद करने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इस महत्वाकांक्षी योजना को बंद करने का खुलासा माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 2014-15 लिए वित्त व नियोजन महकमे को भेजे गए बजट प्रस्ताव से हुआ है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने टैबलेट योजना के लिए प्रस्तावित बजट में महज खानापूर्ति एक रुपये की टोकन राशि का प्रावधान किया है।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में वित्त, नियोजन और माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों की उपस्थिति में हुई बैठक में योजना को बंद करने का निर्णय किया गया है। उल्लेखनीय है बीते वर्ष फरवरी तक सरकार टैबलेट खरीद के नाम टेंडर प्रक्त्रिया में फंसी रही और अंतत: महज एक आपूर्तिकर्ता कंपनी के आने की दलील देकर खरीद प्रक्त्रिया ठंडे बस्ते में डाल दी गयी।
बता दें सपा ने 2012 के विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में दसवीं पास सभी युवाओं को टैबलेट और बारहवीं पास को लैपटॉप देने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री हैं महकमे के मंत्री
युवाओं से वादाखिलाफी तब की जा रही है जबकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। मुख्यमंत्री ने ही विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान युवाओं को नई तकनीक से लैस करने वादा किया था। इसी आधार पर पहले साल के बजट में करीब सवा तीन सौ करोड़ रुपये बजट का प्रावधान भी किया गया था।
महंगी पड़ेगी वादाखिलाफी
चुनाव में युवाओं से वादाखिलाफी का खामियाजा सपा को झेलना पड़ सकता है। वर्ष 2012 और 2013 में दसवीं पास करने वाले ज्यादातर युवा पहली बार मतदाता बन चुके हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव में सपा को युवाओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
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