नई दिल्ली। कालेधन को सफेद करने की कालिख देश के लगभग सभी बड़े बैंकों व बीमा कंपनियों के चेहरे पर पुत गई है। न्यूज पोर्टल कोबरापोस्ट ने अपने दूसरे स्िटग ऑपरेशन में यह आरोप लगाया है कि निजी ही नहीं सरकारी बैंक, निजी बीमा कंपनियां, सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान गैर कानूनी तरीके से मनी लांड्रिंग करने में लगे हैं। पहले से ही घोटालों व भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही केंद्र सरकार के लिए यह नया झटका है।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक व अन्य वित्तीय नियामक एजेंसियों की जवाबदेही पर ही सवाल खड़े हो गए है। कोबरापोस्ट की टीम ने सोमवार को यहां मीडिया के सामने अपने स्टिंग ऑपरेशनों की वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाई। इन रिकार्डिग में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) जैसे बड़े सरकारी बैंकों के अलावा एलआइसी की विभिन्न शाखाओं के अधिकारियों और एजेंटों को कालेधन को सफेद करने और एक जगह से दूसरे जगह गैर कानूनी तरीके से पहुंचाने का तरीका बताते हुए दिखाया गया है। निजी क्षेत्र की रिलायंस लाइफ, बिड़ला सनलाइफ, टाटा एआइजी जैसी प्रमुख जीवन बीमा कंपनियां को भी इस काम से कोई गुरेज नहीं है।
गौरतलब है कि कोबरापोस्ट ने कुछ दिन पहले ही देश के तीन निजी बैंकों (आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी और एक्सिस) में चल रहे इस तरह के मामलों का पता लगाया था। सोमवार को इसने जो आरोप लगाया है वह पुराने मामले से ज्यादा खतरनाक और गंभीर है। छिपे हुए कैमरे से हुई रिकॉर्डिग में हर बैंक के अधिकारी कालेधन को सफेद करने, बगैर पैन कार्ड के बैंक खाता खोलने, कालेधन को एक शहर से दूसरे शहर में भेजने की सेवा देने का वादा करते हुए पकड़े गए हैं।
बैंक अधिकारियों के रवैये से साफ है कि कालेधन को सफेद करने का काम वे सामान्य तौर पर करते हैं। साथ ही इससे यह भी साफ है कि बैंक व बीमा कंपनियां सरकारी नियमों को ताक पर रखने में पूरी तरह से माहिर हैं। सरकार नियमों को चाहे जितना भी कठोर बना दे वित्तीय संस्थान उसका पालन नहीं करते हैं।
कोबरापोस्ट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार मनी लांड्रिंग या कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नही है। यही वजह है कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान खुलेआम यह काम कर रहे हैं। विदेशों में काली कमाई रखने वाले भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई करने और धन को वापस भारत लाने के लिए गठित अपराध जांच निदेशालय को बंद कर दिया गया।
स्टिंग में पकड़े गए वित्तीय संस्थान
एसबीआइ, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, देना बैंक, इलाहाबाद बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियटंल बैंक ऑफ कॉमर्स, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आइडीबीआइ बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, धनलक्ष्मी बैंक, फेडरल बैंक, रिलायंस लाइफ, टाटा एआइजी, यस बैंक, बिड़ला सनलाइफ।