वाशिंगटन।। एक अध्ययन में पाया गया है कि बचपन के अवसाद का अगर जल्द इलाज और रोकथाम कर लिया जाए,तो वयस्क होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है। अवसादग्रस्त बच्चों के मोटे,निष्क्रिय होने और धूम्रपान करने की संभावना होती है जो किशोरावस्था में ही दिल की बीमारियों के कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने उन किशोरों के माता-पिता में दिल की बीमारियों का ऊंचा स्तर पाया,जो बचपन में अवसादग्रस्त रह चुके थे। अमेरिका की युनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा में मनोविज्ञान के सहायक प्रोफेसर जोनाथन रोटेनबर्ग ने कहा,कि हम पूरी तरह हैरान थे कि प्रभावित किशोरों के बच्चों के माता-पिता दिल के दौरों और अन्य गंभीर घटनाओं के बारे में बता रहे थे।
रोटेनबर्ग और उनकी टीम ने किशोरों के तीन वर्गों में धूम्रपान,मोटापा,शारीरिक गतिविधि स्तर और माता-पिता के इतिहास जैसी दिल की बीमारियों की तुलना की। शोधकर्ताओं ने पूर्व में अवसाद की चिकित्सा करा चुके 200 बच्चों के साथ उनके वर्तमान में अवसादग्रस्त उनके 200 सहोदरों का सर्वे किया।