न्यूयॉर्क।। जो लोग शराब पीते हैं और दो वंशानुगत कैंसर जीन उनमें हैं तो शराब से पैदा होने वाले एक उपात्पाद के कारण उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन लोगों में दो वंशानुगत कैंसर जीन में निश्चित परिवर्तन होते हैं,उनमें शराब के उत्पाद एसिटलडिहाइड के द्वारा डीएनए को होने वाली क्षति की आशंका सामान्य से ज्यादा होती है। अध्ययन में कैंसर के दो जीन्स के नाम बीआरसीए2 और पीएएलबी2 बताया गया है।
एसिटलडिहाइड शराब के चयापचय के दौरान पैदा होता है और यह डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। अध्ययन में संदेह जताया गया है कि दोनों जीन्स अपनी सामान्य अवस्था में एसिटलडिहाइड के कैंसर विकसित करने वाले हानिकारक प्रभावों के खिलाफ काम करते हैं।
अमेरिका की जॉन हैपकिंस युनिवर्सिटी के पैंक्रियाज कैंसर अनुसंधान में प्रोफेसर मारजोरिए कोल्वर, एवेरेट्ट और स्काट केर्न ने कहा कि हालांकि यह प्रारंभिक अनुसंधान है फिर भी बीमारी पर अध्ययन के निष्कर्ष से यह सुझाव उभरता है कि खतरे के कारणों,खास तौर से जीन में बदलाव और शराब के सेवन का ध्यान रखा जाए।