रुमानियत से भरा ऐतिहासिक शहर उदयपुर राजस्थान के महाराणाओं के शौर्य की गौरवगाथा कहता है। पर्यटन के लिहाज से इस शहर को हमेशा से उपयुक्त माना गया है। यहां की वास्तुकला पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण रही है। खूबसूरत झील, आलीशान महल व सुंदर उद्यान इस राज्य की पहचान हैं। पर्यटकों को जो चीज सबसे ज्यादा आकर्षित करती है वह है यहां के किले।
उदयपुर सिटी पैलेस
अरावली की पहाड़ियों पर स्थित उदयपुर शहर झीलों और महलों के लिए खास तौर से जाना जाता है। यदि आपको उदयपुर के इतिहास व मेवाड़ के सूर्यवंशी महाराणाओं की गौरवगाथा को समझनी हो तो यहां का सिटी पैलेस सबसे उपयुक्त जगह है। सिटी पैलेस उदयपुर का राजमहल है। महाराणाओं की आन-बान-शान का प्रतीक यह आलीशान महल उस दौर की तमाम अनमोल विरासत अपने में संजोए है। इसलिए यहां आने वाले सैलानियों के लिए यह महल सबसे बड़ा आकर्षण है।
मेहरानगढ़ का किला
मेहरानगढ का किला राजस्थान के जोधपुर का प्रमुख आकर्षण है। इसकी भव्यता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह किला 125 मीटर उंची पहाडी पर जोधपुर की शान के रूप में स्थित है। इसका निर्माण 1459 ई. में किया गया। यह किला प्राचीन कला, वैभव शाक्ति, साहस, त्याग का अनूठा नमूना है। किले के भीतर मोती महल, शीश महल, फूल महल, दौलतखाना, आदि स्थापत्य और शिल्पकला के उत्कृष्ट नमूने हैं। भवनों की मेहराबदार खिड़कियों छज्जों पर बलुई पत्थर से की गई बारीक खूबसूरत नक्काशी देखने लायक है। यहां पर स्थित संग्रहालय भी आपको भारतीय इतिहास के मुगल काल की कला से परिचित कराता है।
आमेर का किला
जयपुर के समीप स्थित आमेर का किला कछवाहा राजपूतों के गौरवशाली इतिहास का गवाह है। यह जगह जयपुर सिटी से कुछ ही दूरी पर है। आमेर के किले का निर्माण 1558 में राजा भारमल ने शुरू करवाया था। यहां की वास्तुकला हिंदू और मुगल कला के प्रभाव को इंगित करती है। जयपुर आने वाले सैलानी इस किले को देखे बिना अपनी यात्रा पूरी नहीं मानते। आमेर का किला गुलाबी नगरी जयपुर से केवल 11 किलोमीटर दूर है।
जैसलमेर का किला
राजस्थान के थार मरुस्थल में बसा, जैसलमेर अद्भुत विषमताओं का शहर है। यहां का प्रमुख किला जैसलमेर की पहचान है। 1156 में राजपूतों द्वारा बनाया गया जैसलमेर का किला राजस्थान में दूसरा सबसे पुराना किला है। इस किले को बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक देखने आते हैं। इस किले को सोनार या स्वर्ण के किले के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि पीले बलुआ पत्थर से बना यह किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है।