न्यूयॉर्क।। अपनी पिछली उपलब्धियों को याद करना, गरीबी में जी रहे लोगों को उबरने में मददगार हो सकता है। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि अच्छे दिनों को याद करने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में कई आईक्यू बिंदु बढ़ जाते है और प्रमुख सहायता सेवाओं से मदद लेने की इच्छा बढ़ जाती है।
अध्ययन के सहलेखक और ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जियायिंग झाओ ने बताया कि यह अध्ययन दर्शाता है कि आत्मस्वीकृति के सरल कार्य, गरीब लोगों में आश्चर्यजनक रूप से संज्ञानात्मक कार्य और व्यावहारिक परिणामों में सुधार करते हैं।
गरीब व्यक्ति जब अपनी महत्ता की भावना से दोबारा जुड़ता है, तो शक्तिशाली कलंक और मानसिक अवरोध मिट जाते हैं,जो कम आय वालों को अच्छे निर्णय लेने या सरकारी सहायता सेवाएं लेने से रोकते हैं।जबकि ये सेवाएं उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने में मददगार हो सकती हैं।
दो साल की अवधि में लगभग 150 प्रतिभागियों से उनकी व्यक्तिगत जीवन यात्रा के बारे में निजी तौर पर पूछा गया। प्रतिभागियों ने पिछले गर्व के पलों या पिछली उपलब्धियों को याद करने के बाद आश्चर्यजनक ढंग से बेहतर प्रदर्शन किया और आईक्यू में 10 अंकों की वृद्धि हुई।
अध्ययन के परिणाम 'साइकोलॉजिकल साइंस' पत्रिका के नए अंक में प्रकाशित किए गए हैं।