जीवन शैली

गुस्सा करना छोड़ दिया

कला संस्कृति, देखी गयी [ 354 ] , रेटिंग :
     
Vijay Kumar, Star Live 24
Saturday, September 21, 2013
पर प्रकाशित: 13:11:48 PM
टिप्पणी

शादी के दो-तीन महीने बाद ही मुझे पता चला कि बात-बात पर गुस्सा होना इनकी आदत में शुमार है। हर बात पर गुस्सा होना और कमियां निकालना इनकी आदत थी। एक दिन यह देर रात घर आए तो मैंने इनसे देर से आने का कारण पूछा। इस पर यह गुस्से में बोले कि जरूरी नहीं है कि मैं हर जगह तुम्हें बताकर जाऊं। इस पर मैं चुप हो गई।हालांकि मैं यह सोचने लगी कि अगर बताकर जाते तो क्या चला जाता। हमारी बोलचाल भी बंद हो गई। मेरी एक आदत थी कि मैं रोज डायरी लिखती थी। एक रात जब मैं डायरी लिखने बैठी तो उसमें एक कागज रखा हुआ था। कागज में लिखा था कि मैं नहीं जानता था कि तुम इतनी संवेदनशील हो। मेरी हर बात को दिल से लगा लेती हो। मैं तुम्हें यूं घुट-घुटकर मरने नही दूंगा और न ही कभी इतना गुस्सा करूंगा। तब से लेकर आज तक यह कही भी जाते हैं तो मुझे बताकर ही जाते हैं।


अन्य वीडियो






 टिप्पणी Note: By posting your comments in our website means you agree to the terms and conditions of www.StarLive24.tv


इस सेक्‍शन से अन्‍य ख़बरें

> >

1/4

अधिकतम देखे गए



संबंधित खोज
  • आहार
  • कला संस्कृति
  • फ़ैशन
  • फिटनेस
  • स्वास्थ्य और भोजन
  • सौंदर्य