नई दिल्ली। काले धन को सफेद करने की बात तो हमने सुनी है। लेकिन किस तरह प्राइवेट व सरकारी बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां भी मनी लांड्रिंग जैसी प्रक्रिया का हिस्सा बनती हैं और आम लोगों की खून पसीने की कमाई को अपने नाम कर लेती है। जिन बैंकों में हम अपनी पूंजी सुरक्षित समझकर जमा करते हैं वहीं बैंक आम लोगों के साथ धोखा करते हैं।
आइए जानते हैं कैसी होती है मनी लांड्रिंग की पूरी प्रक्रिया..
-सबसे पहले खोले जाते हैं दर्जनों बेनामी खाते
-खाता खोलने में पैन कार्ड या केवाईसी नियमों का नहीं होता पालन
-इन खातों के जरिए बीमा पॉलिसियों, गोल्ड डिपॉजिट स्कीमों में लगाते हैं पैसे
-काली कमाई को रियल एस्टेट में निवेश करवाने में दलाल बनते हैं बैंक
-कालाधन रखने के लिए दिया जाता है विशेष लॉकर
-विभिन्न शहरों के ब्रांच सूचना दिए बगैर रकम का करते हैं हस्तांतरण।