पत्रकारिता का क्षेत्र युवाओंके लिए कितना व्यापक,कितना जटिल है इस बारे में स्टारलाइव 24 टीवी के रिपोर्टरब्रिजना शर्मा से बात करने के लिए आईपी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचारविभाग के प्रोफेसर दुर्गेश त्रिपाठी जी से किए गए बात चीत का कुछ अंश...
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मीडिया का मूल उद्देश्य सूचना देना शिक्षितकरना तथा मनोरंजन करना है। इन तीनों उद्देश्यों में पत्रकारिता का सार तत्व समाहितकिया जा सकता है। मीडिया(पत्रकारिता) अपनी बहुमुखी प्रवृत्तियों के कारणपत्रकिरिता व्यक्ति और समाज के जीवन को गहराई तक प्रभावित करती है। मीडिया देश कीजनता की चित्तवृत्तियों,अनुभूतियोंऔर आत्मा में साक्षात्कार करती हुई मानव मात्र को जीने की कला सिखाती है। सत्य कीखोज में लगे रहते हुए समाज में उदात मूल्यों की स्थापना की दिशा में पत्रकारिता कीभूमिका विशेष उल्लेखनीय है। इसका मूल लक्ष्य ही अन्याय का उद्घाटन दोषों का परिहारअसहाय और पीड़ितों की रक्षा एवं सहयोग तथा जनता का पथ प्रदर्शन करना है।
मीडिया का क्षेत्र
मीडिया को जनता की संसद कहा जाता है जिसकाअधिवेशन सदा चलता रहता है। इस मीडिया रूपी संसद का कभी समाप्त नहीं होता है। जिसप्रकार संसद में विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर चर्चा की जाती है विचार किया जाताहै सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाता है ठीक उसी प्रकार मीडिया का स्वरूप भी व्यापकतथा बहुआयामी होता है।यदि देखा जाए तो पत्रकारिता का क्षेत्र विविधि जनसमस्याओं सेजुड़ी होती है। उन समस्याओं को प्रशासन के सामने रखने का काम मीडिया ही करती है।यदि आधुनिक रूप में देखा जाए तो पत्रकारिता को चार भागों में बाटा जा सकता है...
A.प्रिंट मीडिया B.इलेक्ट्रानिकमीडिया C.जनसंपर्क एंव विज्ञापन D.न्यू मीडिया(साइबर मीडिया)
मीडिया का सामाजिक परिवर्तन
सूचना एंव प्रौद्यौगिकी के इस युग में पृथ्वीका दायरा सिमटता-सा नजर आ रहा है यदि हम प्राचीन काल की बात करें तो प्राय सूचनाओंका आदान प्रदान करने में काफी दिन लग जाते थे लेकिन आज के वैश्वीकरण के युग मेंदेखा जाए तो उसका सारा श्रेय जनसंचार माध्यमों को जाता है। जो सामाजिक एवंसांस्कृतिक परंपराओं व रूढ़ियों की जटिलताओं को क्षीण करते हुए मिली जुली संस्कृतिएवं नये मानव मुल्यों की स्थापना कर रहा है।
यदि आज हम सामाजिक परिवर्तन का दर्शन कर रहेहै तो उसका श्रेय मीडिया को जाता है।लोगों की जीवन शैली मे जिस तरह का परिवर्तनहुआ है उससे अमीरी और गरीबी की खाई पटती नजर आ रही है। व्यक्ति भले ही अभावों मेंजीवन यापन कर रहा हो लेकिन वह जीवन के अच्छे पहलू को समझ रहा है और उस लक्ष्य कोपाने का प्रयास कर रहा है।
यदि हम राष्ट्रीय चैनलों के आगम की बात करेंतो संचार के द्वार आज गति से खोल दिया है। मार्शल मैकलूहन द्वारा 1960 में मीडियीइज मैसेज में कहा था कि विश्व एक गांव में है, जिसका नाम एक ग्लोबल विलेज की छवि विकसित करने मेंमीडिया की अहम भूमिका है। यदि देखा जाए तो जहां लोग अपने घर के कोने में बैठकरविश्व के किसी कोने में घटी घटना का प्रत्यक्षदर्शी बना जा सकता है।
ग्लोबलाइजेशन की बात करें तो 1990 मेंपी.वी.नरसिंहा राव के समय में सूचना का साझा करने की बात कहीं वही मोबाईलों परसूचनाओं का तुरन्त आदान प्रदान किया जाने लगा और युवा वर्ग इसके तरफ तेजी से बढ़नेलगे और आज सूचनाओं का आदान प्रदान तेजी से होने लगा है।
मीडिया में आने वाले छात्रों को सुझाव
मीडिया में आने वाले छात्रों को मेरा यहीसुझाव है कि मेहनत से सब कुछ हासिल किया जा सकता है।
देश में मीडियी से संम्बन्धीत कालेज
IP विश्वविद्यालय दिल्ली
IIMC दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय
BHU वाराणसी
MGKVP वाराणसी