मेरठ : दैनिक नव संगिनी क्लब की ओर से बुधवार को तीसरे दिन भी सदस्याओं के लिए फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश प्रदर्शित की गई। एक प्रेरणास्रोत महिला की कहानी को पर्दे पर देखकर महिलाओं ने प्रयास की खूब सराहना की और कहा कि आत्मविश्वास के बल पर हर मुश्किल को रौंदा जा सकता है।
फिल्म के प्रदर्शन के बाद महिलाओं ने न सिर्फ श्रीदेवी के अभिनय की तारीफ की बल्कि फिल्म के कथानक को भी सराहा। उन्होंने कहा कि एक महिला को घर में एडजस्ट करने के लिए कई तरह की जरूरतों को पूरा करना पड़ता है। पति की अलग डिमांड, सास-ससुर की अलग और आधुनिकता से लैस बच्चों की अलग। ऐसे में किस तरह से सभी जरूरतों को पूरा करते हुए एक अकेली औरत ने परदेश में न सिर्फ अपनी एक कमी को पाटा और दुनिया को चौंकाया बल्कि संघर्ष की नई इबारत भी लिख दी। महिलाएं आपस में यही गुफ्तगू कर रहीं थी कि इस तरह की चुनौतियां और उपलब्धियां किसी न किसी रूप में हर नारी के साथ होता है। जरूरत है उसे सही समय पर उसका समाधान करने की।
महिलाएं इस फिल्म के नाम को लेकर भी चर्चा में जुटी रहीं। उनका कहना था कि आज के दौर में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान एक बड़ी जरूरत बन गई है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। फिल्म देखकर लौट रहीं महिलाओं का कहना था कि संगिनी क्लब अपनी सदस्याओं के लिए इसी तरह के नवीन और ज्ञानपरक कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा, इसका पूरा विश्वास है।
यह कार्यक्रम न सिर्फ मनोरंजक बल्कि ज्ञानवर्धक भी रहा। यह नई और अच्छी सोच है। - अलका माहेश्वरी
संगिनी क्लब के आने से खुश हूं। यहां घर से बाहर निकलने और मनोरंजक आयोजन में शामिल होने का जो मौका मिला, वह बेहद अच्छा है। - लता बंसल
मन में अगर कुछ ठान लिया जाए तो वह पूरा किया जा सकता है। बस सकारात्मक सोच की जरूरत होती है। - कमलेश गुप्ता
संगिनी जिस तरह से सदस्याओं का साथ लेकर चल पड़ी है, उससे लगता है कि वाकई में हमें अपना साथी मिल गया है। - मीनाक्षी शर्मा
इंग्लिश-विंग्लिश फिल्म की हीरोइन श्रीदेवी इस फिल्म के माध्यम से कई संदेश देती हैं। कठिन समय में भी परिवार को साथ लेकर जिस तरह से उन्होंने मैनेज किया, वह हमें बहुत कुछ सिखाता है। - मंजू शर्मा
आज जो वजहें परिवार को तोड़ने के लिए बन रही हैं, उन्हीं वजहों पर जिस तरह से शशि ने जीत हासिल की और परिवार को अपना महत्व समझाया, काबिले तारीफ रहा। - मनस्वी
लंबे अर्से से संगिनी जैसे साथी की जो जरूरत थी, अब वह पूरी होती दिख रही है। एक साथी के साथ ही मार्गदर्शक की भूमिका में भी क्लब काम कर रहा है। - आशा
इस प्रकार की फिल्म से उत्साहवर्द्धन होगा और एक प्रेरणादायी अवसर हासिल करने के उत्सुकता बढ़ेगी। - राजकुमारी गुप्ता
जिस तरह से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, वह काबिलेतारीफ है। संगिनी की अगुवाई में महिलाएं अपनी पहचान पर घर से मिली और समय बिताया, यह एक बड़ी बात है। - श्वेता वशिष्ठ
अब तक घरों में कैद रहने वाली और सीमित जान-पहचान वाली महिलाओं को इसी मंच के जरिए कई संगिनी मिलेंगीं। वाकई यह परिवार को बढ़ाने का एक माध्यम है। - तरन गुप्ता