नई दिल्ली/ नितिका अहलूवालिया, दीपक मंडल।। देश में बढ़ रही टीबी की बिमारी को रोकने के लिए और उससे सावधान रहने के लिए आईएमए ने लोगों के बीच जगरुक्ता फैलाने के साथ-साथ एनसीआर के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के नर्सो को टीबी के बारे में बताया जिससे वह मरीजों को बहतरीन इलाज मुहैया करा सके ।
टीबी एक नोटिफाइबल बीमारी है इसकी जानकारी न सिर्फ डॉक्टरों को बल्की नर्सो को भी होनी चाहिए। ज्यादा तर टीबी के मरीज इस बीमारी को कलंक मानते है। लोगों के दीमाक से इस खयाल को निकालने के लिए और टीबी का इलाज अधूरा न छोडे क्योकि अधूरा इलाज सबसे ज्यादा खतरनाक हो सकता है ऐसे में लोगों को समझाने के लिए नर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
नर्सिग कॉलेज के प्रधानाचार्यों के साथ बात-चीत में आईएमए के महासचिव डॉ के.के अग्रवाल ने कहा की नर्स टीबी के मरीजों को बहतरीन इलाज की काउंसलिंग दे सकती है साथ ही उन्होंने ये भी कहा की टीबी के मरीजों को x- ray, रजिस्ट्रेश्न लाइन मे खडे नही होना चाहिए। उनके लिए अलग से बैठने की जगह होनी चाहिए ताकि ये बिमारी किसी और को न हो सके।
इस ट्रैनिंग मे र्शादा यूनीवर्सीटी, एन.आई.एन, होली फैमली कॉनवेंट, अपोलो स्कूल औफ नर्सिग,वी.एम.एम.सी एंड एस.जे.एच, बाबा हरीदास इंस्टीट्यूट औफ नार्सिग,कॉलेज ओफ नर्सिग, आर्मी होस्पीटल की 50 नर्से शामिल थी।
मेडिकल कॉलेज के छात्राओं ने टीबी की बामारी से निपटने की ट्रैनिंग ली साथ ही जगरुक्ता फैलाने के लिए आईएमए की इस मुहिम में शामिल हुए।