नई दिल्ली: श्रीलंका दौरे के लिए जब टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ संदीप पाटील की अगुवाई में चयनकर्ताओं की बैठक हुई तब यह तय था कि टीम में तीसरे स्पिनर की जगह बनेगी। श्रीलंकाई पिचों पर स्पिनरों की कामयाबी को देखते हुए यह तय था, लेकिन बड़ा सवाल ये था कि हरभजन सिंह और आर अश्विन का साथ देने के लिए किसका चयन होगा।
कर्ण शर्मा की उंगली में लगी चोट ने चयनकर्ताओं का काम और भी आसान कर दिया और अमित मिश्रा टीम में वापसी करने में कामयाब रहे। अमित मिश्रा घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अपना प्रभाव जरूर छोड़ते रहे हैं, लेकिन टेस्ट टीम में उनकी वापसी चार साल बाद हो रही है।
मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटील ने अमित मिश्रा के बारे में कहा, "अमित मिश्रा योजना में हमेशा शामिल रहे। पिछले साल भी वे रिजर्व में थे। अंतिम 11 में चुनने का फैसला कप्तान और टीम मैनेजमेंट पर है। हमारा काम बेहतरीन 15 खिलाडियों की टीम बनाना है। कोई क्यों नहीं चुना गया और कोई क्यों चुना गया। इसमें हम नहीं पड़ते। मिश्रा हमारी सोच का हमेशा हिस्सा रहे।"
अमित मिश्रा की उपेक्षा की एक बड़ी वजह ये भी रही है कि एमएस धोनी उन्हें अपनी योजनाओं में फिट नहीं मानते थे। यही वजह है कि 2008 टेस्ट डेब्यू करने के बाद भी उन्हें बीते सात साल के दौरान महज 13 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। इन मैचों में अमित मिश्रा ने 3। 91 की इकॉनमी के साथ 43 विकिट चटकाए हैं।
जाहिर है भारत के पास मौजूदा लेग स्पिनरों की जमात में अमित मिश्रा दूसरों से काफी बेहतर हैं। ऐसे में 32 साल के मिश्रा के सामने श्रीलंकाई दौरा अपने करियर को जमाने का मौका है और मिश्रा इस मौके पर चूकना नहीं चाहेंगे।