नई दिल्ली। रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग को नकार चुकी सरकार के तेवर कड़े हो गए हैं। सोमवार को लोकसभा में खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा के दौरान खुद सोनिया गांधी सक्रिय थीं और उनका रुख भी सख्त था। उनके तेवरों से लग रहा था कि यदि विपक्ष अपनी दादागिरी से सदन चलने नहीं देगा तो सरकार भी अपना काम दादागिरी से करेगी।
बिल पर चर्चा के दौरान हंगामे में सोनिया गांधी ने इस बात के संकेत दिए कि विपक्ष के बहस में हिस्सा न लेने के बावजूद बिल पारित होकर रहेगा। सोनिया गांधी ने मंत्रियों और सांसदों की हौसलाफजाई की तो विपक्षी सांसदों का हंगामा चरम पर पहुंच गया। भाजपा सांसद विजया चक्रवर्ती और राधामोहन सिंह आसन के समीप आकर हंगामा करने लगे। दरअसल, बंसल और अश्विनी के इस्तीफे की मांग के बीच अचानक खाद्य सुरक्षा बिल पेश करना विपक्ष को नागवार गुजरा। प्रतिपक्ष की नेता ने चेताया कि सरकार ने बिल पास कराने की कोशिश की तो विपक्ष कड़ा विरोध करेगा।
इस बीच हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर भाजपा के एक सांसद ने 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे लगाए। इसके जवाब में सोनिया गांधी ने भी दो टूक कहा, 'दादागिरी चलेगी और ऐसे ही चलेगी।'