नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर एक ऐसा मशहूर नाम है, जो आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर आज 40 साल के हो गए। 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई में जन्मा टीम इंडिया का यह सितारा इस उम्र में भी दनादन रन बरसाने के लिए बेचैन रहता है। क्रिकेट में ऐसा कोई भी बड़ा रिकॉर्ड नहीं है, जिसमें इस महान बल्लेबाज का नाम शामिल न हो। भारत को कई मैचों में जीत दिलाने वाले इस सितारे ने पिछले साल दिसंबर में अचानक ही वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में इनका जलवा अभी भी बरकरार है।
आइए, जानते हैं इस महान बल्लेबाज की उन चुनिंदा 10 पारियों के बारे में जिन्हें यादकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं :
1. 22 अप्रैल, 1998 को शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर द्वारा बनाए गए 143 रनों को कैसे भुलाया जा सकता है। भारत के सामने उस मुकाबले को जीतने के लिए 285 रनों का लक्ष्य था, जबकि फाइनल में पहुंचने के लिए 254 रन बनाने जरूरी थी। उसी बीच धूल भरी आंधी के कारण खेल को करीब 25 मिनट रोकना पड़ा। उसके बाद लक्ष्य फिर से निर्धारित किया गया। इस बार 46 ओवरों में जीत के लिए 276 रनों का लक्ष्य दिया गया जबकि फाइनल में पहुंचने के लिए 237 रन निर्धारित किए गए। भारत वह मैच तो नहीं जीत सका, लेकिन सचिन तेंदुलकर द्वारा 131 गेंदों में बनाए गए 143 रनों की बदौलत टीम इंडिया ने 46 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 250 रन बनाए और न्यूजीलैंड को पछाड़कर फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
2. 24 अप्रैल, 1998 को कोका कोला कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर द्वारा बनाए 134 रनों का कोई जवाब नहीं। उस यादगार पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से हराया था। सचिन ने अपनी पारी में 12 चौके और 3 छक्के लगाए थे। ऑस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों की नजर में भी यह पारी सचिन की सबसे यादगार पारियों में से एक है।
3. 24 फरवरी, 2010 को ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने वो कारनामा किया, जिसका इंतजार विश्व क्रिकेट को जमाने से था। सचिन ने नाबाद 200 रनों की पारी खेली और वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले क्रिकेटर बने। सचिन ने सिर्फ 147 गेंदों में 25 चौके और 3 छक्कों की मदद से नाबाद 200 रन बनाए।
4. ऑस्ट्रेलिया के महान फिरकी गेंदबाज शेन वार्न के सपने में आकर डराने वाले तेंदुलकर ने उनके पहले ही टेस्ट मैच में भी यादगार पारी खेली। 1991-92 में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच [सिडनी] में उन्होंने 148 रनों की नाबाद पारी खेली। इस टेस्ट में 206 रन बनाने वाले रवि शास्त्री के साथ उन्होंने 196 रनों की साझेदारी भी की जिसके दम पर भारत लगातार दो मैच में मिल रही हार का सिलसिला तोड़ पाया।
5. तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्गगाह कहे जाने वाले न्यूजीलैंड में फरवरी, 1990 में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में खेली गई। सीरीज का दूसरा मैच नेपियर में खेला गया और यह मैच बारिश से खासा प्रभावित रहा जिससे मैच ड्रा हो गया लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने इस मैदान पर 88 रनों की उम्दा पारी खेली। अब तक छह टेस्ट मैच खेल चुके सचिन की यह अर्धशतकीय पारी उस समय तक उनके करियर की सबसे बेहतरीन पारी थी।
6. जनवरी, 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मुकाबल में सिडनी में सचिन तेंदुलकर द्वारा बनाए गए नाबाद 241 रन उनकी बेहतरीन यादगार पारियों में से एक है। सचिन तेंदुलकर ने 613 मिनट तक 436 गेंदों का सामना कर 33 चौकों की मदद से नाबाद 241 रन बनाए थे।
7. 5 नवंबर, 2009 को अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 141 गेंदों में बनाए गए 175 रन यादगार पारियों में से एक है। हालांकि उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 351 रनों के लक्ष्य को टीम इंडिया हासिल नहीं कर सकी और महज 3 रन से मैच हार गई, लेकिन सचिन तेंदुलकर की जबरदस्त पारी ने उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिलवाया। सचिन ने उस मैच में 19 चौके और 4 छक्के लगाए थे।
8. 1 मार्च, 2003 को विश्व कप क्रिकेट के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर द्वारा 75 गेंदों में बनाए गए 98 रनों की याद आज भी ताजा है। उस मुकाबले में सचिन शतक से महज 2 रन दूर रह गए, लेकिन शोएब अख्तर की गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट क्षेत्र में लगाया गया शानदार छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास के लंबे छक्कों में से एक है। भारत ने 26 गेंद शेष रहते वह मुकाबला 6 विकेट से अपने नाम किया था।
9. 1992-93 में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आई और उसे सभी तीनों मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा। सीरीज का दूसरा मैच चेन्नई के चेपक मैदान पर खेला गया और इस मैच में सचिन ने पहली पारी में 296 गेंदों में 165 रनों की लाजवाब पारी खेली जिसके दम पर भारत ने 560 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके बाद भारतीय फिरकी गेंदबाजों ने इंग्लिश बल्लेबाजों को इस कदर नचाया कि दोनों पारियों में वह भारत के बराबर स्कोर नहीं बना सके और मेहमान टीम को पारी और 22 रनों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
10. 30 मार्च, 2011 को विश्व कप क्रिकेट के सेमीफाइनल मुकाबले में सचिन तेंदुलकर द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बनाए गए शानदार 85 रनों को कैसे भुलाया जा सकता है। मोहाली में खेले गए उस हाई वोल्टेज मुकाबले में सचिन ने 115 गेंदों में 11 चौकों की मदद से 85 रन बनाए थे, जिसकी बदौलत टीम इंडिया निर्धारित 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन बना सकी। भारत ने वह मुकाबला 29 रन से जीता और सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच चुना गया।