नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ अपने गठबंधन पर चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार आज स्पष्ट तौर पर बीजेपी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। पटना में नीतीश ने कहा कि हालत वाकई मुश्किल है। बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि दुआ करते हैं जीने की और दवा देते हैं मरने की। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा को दो दिनों का अल्टीमेटम दिए जाने की खबर को खारिज करते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी कोई भी फैसला शनिवार को पार्टी विधायकों की बैठक के बाद लिया जाएगा। उन्होंने तब तक पार्टी नेताओं को बयान देने में संयम बरतने की सलाह दी है।
मोदी पर अपमानजनक टिप्पणियां न करे जेडियू
गौरतलब है कि पहले खबर आई थी कि नीतीश कुमार ने भाजपा को दो दिनों के भीतर पीएम पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन अब शरद यादव इस बात से पूरी तरह से इन्कार कर रहे हैं।
इस बीच, बिहार में भाजपा कोटे के अधिकांश मंत्री भी सरकारी कामकाज से दूर ही रहे। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी सभी फाइलों से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने आदेश दिए थे कि उनके पास और कोई नई फाइल नहीं लाई जाए।
कुछ मंत्रियों ने तो सिर्फ कार्यालय आने की जहमत ही उठाई। स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे व पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह सूबे से बाहर हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री प्रेम कुमार पारिवारिक कारणों से गया में हैं।
नीतीश पर जल्दी में नहीं है कांग्रेस
जबकि जर्नादन सिंह सिग्रीवाल अपने क्षेत्र में हैं। हालांकि अब तक भाजपा की ओर से गठबंधन बरकरार रखने की बात कही जा रही थी, लेकिन यहां नजारा कुछ और ही कह रहा है।
इधर, भाजपा मोदी को लेकर अड़ी हुई है और उधर जदयू दोस्ती तोड़ने पर उतारु है। इसके चलते दोनों दलों के बीच टूट के आसार और बढ़ गए हैं। हालांकि नीतीश कुमार ने गठबंधन पर फैसला करने के लिए 15 जून को जदयू के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में शरद यादव भी मौजूद रहेंगे।
भाजपा की कोशिश यह है कि गठबंधन खत्म होने की स्थिति में भी जदयू से संबंध बने रहें। इसके साथ ही भाजपा गठबंधन टूटने के इल्जाम को भी अपने सिर लेने से बच रही है। जदयू का मानना है कि किसी व्यक्ति को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने के लिए उतना तामझाम नहीं किया जाता जितना मोदी के मामले में किया गया है। जदयू ने कहा कि पीएम पद की दावेदारी के लिए पार्टी में लालकृष्ण आडवाणी से बेहतर कोई नहीं है।