नव संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
स्वच्छ जल देने का दावा करने वाली सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही और तीन माह से लक्ष्मीनगर डी ब्लॉक, ललिता पार्क, नारायण नगर, आइ ब्लॉक गढ़वाली मोहल्ला व जे एंड के ब्लॉक आदि जगहों पर दूषित जलापूर्ति हो रही है। स्थानीय लोगों की शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। लिहाजा, लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। अगर कोई नहीं पी सकता, तो वह पानी खरीदकर पीता है। ऐसा नहीं है कि यहां पानी की पाइपलाइन ही नहीं है, बल्कि तीन माह पूर्व इन इलाकों को गंगाजल पाइप लाइन से पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए पाइपलाइन का उद्घाटन किया गया था, लेकिन अब तक पानी की आपूर्ति नहीं हो रही।
स्थानीय निवासी गिरीश कुमार का कहना है कि पिछले वर्ष से दूषित जलापूर्ति हो रही है, लेकिन अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है। अधिकारियों से शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास साधन नहीं है। जब हो जाएगा तो पानी की पाइपलाइन चालू कर दी जाएगी। निर्मला कहती हैं कि सभी की हैसियत नहीं है कि आरओ सिस्टम लगा ले। इसलिए आम आदमी को जलबोर्ड के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में दूषित पानी आए तो आम आदमी कहां जाए। शशि गोयल कहती है कि दूषित पानी पीने से इलाके में रहने वाले लोग खासकर बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है। इन्हें डायरिया जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। दया हलधर का कहना है कि ऐसा नहीं है कि अब तक कुछ नहीं किया गया, बल्कि पाइपलाइन का उद्घाटन कुछ माह पहले हुआ।