नव संवाददाता, नई दिल्ली :
नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले तांत्रिक को कड़कड़डूमा अदालत के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। तांत्रिक ने अपनी बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म किया था। आरोपी पर अदालत ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट जज टीआर नवल ने इस मामले में पीड़िता के बयान को अहम माना और बचाव पक्ष की दलील को खारिज करते हुए आरोपी को सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी की उस दलील को खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि मां-बेटी ने उसे फंसाने के लिए साजिश रची है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती है जिससे कि पीड़िता के बयान पर भरोसा न किया जाए।
पेश मामले में, अशोक नगर निवासी 15 वर्षीय पीड़िता की शिकायत पर उत्तर पूर्वी जिले के ज्योति नगर थाना पुलिस ने आठ जून 2011 को उसके तात्रिक पिता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। अभियोजन के अनुसार पीड़िता अपने माता-पिता के साथ अशोक नगर में रहती थी। वह दसवीं कक्षा में पढ़ती थी।
पीड़िता के माता-पिता के बीच संपत्ति को लेकर अक्सर विवाद होता था। झगड़े की वजह से पीड़िता की मां अक्सर अपने मायके चली जाती थी। मां की अनुपस्थिति में तांत्रिक ने अपनी बेटी से कई बार दुष्कर्म किया। आरोपी पीड़िता की पिटाई कर उसे जान से मारने की धमकी देता था। साथ ही उसे वश में करने के लिए तंत्र विद्या का भी उपयोग करता था।
पीड़िता 11 मई 2011 को अपनी मा के साथ प्रथम तल पर सो रही थी। आधी रात के बाद करीब दो बजे आरोपी पिता उसे जबरन नीचे ले आया और दुष्कर्म किया। इस बारे में पीड़िता ने अपनी मां को जानकारी दी। जिसके बाद इसकी शिकायत ज्योति नगर थाने में की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।