नव संवाददाता, नई दिल्ली : नई दवा नीति के खिलाफ वितरक व खुदरा दवा विक्रेता शुक्रवार को फिर देशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। बुधवार को ऑल इंडिया आर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट ने 10 मई को दिल्ली में भी बंद व प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इस दौरान देश के सभी 7.5 लाख दवा व्यवसायी दुकानों को बंद कर धरना प्रदर्शन एवं राज्य व जिला मुख्यालय पर मार्च निकालेंगे।
आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि नई दवा नीति में मुनाफे का अंतर छह प्रतिशत घटा दिया गया है। दवा विक्रय के क्षेत्र में एफडीआई स्वीकार नहीं है। इसके अलावा एक एच1 श्रेणी बनाई गई है। जिसमें 92 दवाओं को रखा गया है। इसमें प्रावधान है कि डॉक्टर दो पर्ची लिखेंगे। एक पर्ची मरीज के पास होगी, जबकि दूसरी खुदरा दवा विक्रेता के पास। कई मरीज कम दिन की भी दवा ले जाते हैं। ऐसे में एक पर्ची खुदरा विक्रेता रख लेगा, तो दूसरी बार मरीज दवा कैसे खरीद पाएंगे? शिंदे ने बताया कि उनकी मांग है कि फार्मासिस्ट समस्या का उचित निराकरण हो, अन्याय पूर्ण दवा कानून संशोधन 2008 में सुधार किया जाए। आर्गनाइजेशन का आरोप है कि बड़ी खुदरा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह प्रावधान किया गया है।