नव संवाददाता,पूर्वी दिल्ली :
कश्मीरी गेट के बाद भले ही अंतरराज्यीय बस अड्डा आनंद विहार की कायापलट करने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन बस अड्डे की मौजूदा हालत की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं है। गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही बस अड्डा परिसर में पानी की किल्लत बढ़ गई है। अब तक वाटर कूलर चालू नहीं किए गए हैं तथा वाटर कूलर से टोंटी गायब है। ये हालात उस वक्त हैं जब बस अड्डा प्रशासन हर साल राजस्व के तौर पर 10 करोड़ रुपये हासिल करता है।
आनंद विहार बस अड्डे से रोजाना बसों के आवागमन से ही ढाई लाख रुपये व नाइट पार्किग से साढे़ चार लाख रुपये की आमदनी करता है। इसके अलावा परिसर स्थित दुकानों से हर माह 50 लाख रुपये व शौचालय से ही डेढ़ लाख रुपये की आय राजस्व के तौर पर हासिल कर रहा है। वैसे तो राष्ट्रमंडल खेल से पहले ही बस अड्डे की कायापलट करने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक भी किसी तरह का बस अड्डे का सुधार नहीं हुआ है। बताते हैं कि बस अड्डे की कायापलट से जुड़ी नक्शे की फाइल ही डीडीए में कई साल से अटकी पड़ी है। बस अड्डे की सुधार की योजना का परिणाम यह है कि परिसर में छोटे-मोटे सुधार के काम भी नजरंदाज किए जा रहे हैं। परिसर में गर्मी शुरू होने के बाद अब तक वाटर कूलर चालू नहीं किए गए हैं तथा वाटर कूलर से टोंटी भी गायब है। परिसर में जगह-जगह गड्ढे हैं तथा मामूली बरसात में पानी भर जाता है। शौचालयों की हालत खराब है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राहुल चौधरी ने कहा कि बस अड्डे की दयनीय हालत के बारे में कई बार पत्र लिखे गए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। बस अड्डे के संपदा अधिकारी आरएस नयन ने कहा कि सुधार के प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद ही सुधार की पहल संभव है।