नासा के अंतरिक्ष यान न्यू न्यूहॉरिजॉन्स ने सौर प्रणाली से नौ साल के ज्यादा अरसे तक सफर करने केबाद बौने ग्रह प्लूटो और उसके सबसे बड़े चंद्रमा शारोन की पहली रंगीन तस्वीर भेजी है। नासा ने कहा है कि 11.5 करोड़ किलोमीटर की दूरी से नौ अप्रैल को ली गई नई तस्वीर प्लूटो और शारोन की जानकारी दे रही है।
नासा के प्लेनेटरी साइंस डिपार्टमेंट के निदेशक जिम ग्रीन का कहना है कि तस्वीर इस प्रणाली का बेहद रोचक दृश्य दिखाती है। ग्रीन ने कहा कि प्लूटो और शारोन के बीच के अनेक फर्कों को नहीं देखने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि प्लूटो के मुकाबले शारोन धुंधला है। यह विषमता दोनों के बीच की संरचना में फर्क के चलते हो सकती है, या फिर शारोन पर अब तक देखे ना जा सके वायुमंडल के कारण भी हो सकती है।
प्लूटो ग्रह के बारे में
- 18 फरवरी 1930 में प्लूटो की खोज की गई थी।
- प्लूटो आकार में सबसे छोटा ग्रह है इसलिए इसे बोना ग्रह भी कहा जाता है।
- जहां धरती का डायमीटर 12,756 किमी है वहीं प्लूटो का डायमीटर 2,368 किमी है।
न्यू न्यूहॉरिजॉन्स के बारे में
- न्यू न्यूहॉरिजॉन्स ने जनवरी 2006 में अपना सफर शुरू किया था।
- पृथ्वी से प्लूटो की दूरी 7.5 अरब किलोमीटर है।
- 19 जनवरी 2006 में स्पेसक्राफ्ट 'न्यू होराइजन्स' को इस मिशन के लिए रवाना किया गया था।
- ये स्पेसक्रॉफ्ट 58,536 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अपने मिशन की ओर बढ़ रहा है।
- इसे अब तक का सबसे तेज रफ्तार स्पेसक्राफ्ट माना जा गया है, जिसकी रफ्तार जेटलाइनर से भी 100 गुना तेज है।
- न्यू होराइजन्स अपनी रफ्तार बढ़ाने के लिए प्लूटो की ग्रेविटी (गुरुत्वाकर्षण) का ही इस्तेमाल करेगा और बाहरी सौर मंडल में अपना रास्ता बनाएगा।
- मिशन प्लूटो के बाद ये क्वीपर बेल्ट जाएगा और 2020 तक इससे जुड़ी जानकारियां जुटाएगा।
- ये मिशन आधिकारिक तौर पर 2026 में पूरा होगा।