नई दिल्ली।। 'थैंक्स, दिल्ली पुलिस। आज हमारा बेटा उन्हीं की वजह से ही हमारे पास है।' ये शब्द हैं उस मां के जिसके 11 साल के बेटे को किडनैपर्स किडनैप कर ले गए थे। इस ऑपरेशन को कामयाब बनाने के लिए सेंट्रल दिल्ली के 150 पुलिस अफसरों और जवानों को लगाया गया था। इसकी कमान खुद डीसीपी आलोक कुमार ने संभाली। 15 घंटे में बच्चे को किडनैपर्स के चंगुल से आजाद करा लिया गया। किडनैपर्स की योजना थी कि फिरौती मिलने के बाद बच्चे की हत्या कर दी जाए।
शनिवार शाम करीब 6 बजे अगवा किए गए बच्चे को रेवाड़ी रेलवे स्टेशन के पास से प्रसाद नगर थाने के एसएचओ युद्धवेंद्र सिंह मान की टीम ने रविवार सुबह करीब 9 बजे बरामद किया। उस वक्त बच्चा रो रहा था। पुलिस को उस स्विफ्ट कार में लंबा पेपर कटर, रस्सी और लोहे की रॉड मिली। इससे साफ है कि फिरौती मिलने के बाद हरनीत का मर्डर किया जाना था।
पुलिस इसकी एक बड़ी वजह किडनैपर्स के मास्टरमाइंड हरप्रीत का बच्चे का जानकार होना बता रही है। असल में हरप्रीत का बेटा भी हरनीत की क्लास में ही पढ़ता है और उसका दोस्त है। इस वजह से हरनीत हरप्रीत को अच्छे से जानता था। हरप्रीत कई दिनों से हरनीत के किडनैप करने की योजना बना रहा था। पुलिस को जांच में पता लगा कि शनिवार शाम को जब हरनीत मोबाइल रिचार्ज कराकर घर लौट रहा था। उस वक्त हरप्रीत कार लेकर घात लगाए उसके घर के पास ही मंडरा रहा था। उसने हरनीत को अकेला देखते ही उसे अपनी कार में बुलाकर बैठा लिया। उसी दौरान किसी ने उसके मुंह पर कोई रुमाल ढक दिया। इससे कुछ देर बाद वह बेहोश हो गया। सौ. नभट/मनीष अग्रवाल