नव संवाददाता,पूर्वी दिल्ली : नगर निगम स्थायी समिति की बैठक में एक साल की पेंशन का अब तक वितरण न करने के मुद्दे पर अधिकतर सदस्यों ने नाराजगी जताई। कुछ सदस्यों ने शौचालयों की स्थिति पर भी रोष जताया। सदस्यों का तर्क था कि शौचालयों की छतों पर पानी की टंकी की व्यवस्था की गई है, लेकिन परिसर में पानी के कनेक्शन ही नहीं किए गए हैं। एक साल में महिलाओं को सिलाई मशीन का वितरण न करने का भी मुद्दा उठाया गया।
पटपड़गंज स्थित निगम मुख्यालय में समिति अध्यक्ष संजय सुर्जन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुछ सदस्यों ने कहा कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं हो सकती कि पेंशन वितरण के मामले में निगम एक साल पीछे है। इसमें भी अप्रैल से जून की कुछ वार्डो में पेंशन का वितरण नहीं किया गया है। निगमायुक्त एस.कुमार स्वामी ने कहा कि पार्षदों से नए सिरे से पेंशन के आवेदन फार्म जमा करने के लिए आग्रह किया गया है। 15 दिन मे आवेदन मिलने के साथ तीन-तीन माह की पेंशन का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक साल की पेंशन के लिए 49 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। समिति सदस्य लता गुप्ता व महेंद्र आहूजा आदि ने कहा कि पूर्वी दिल्ली सीमा स्थित ज्यादातर शौचालयों की हालत खराब है। किसी में भी पानी की व्यवस्था न होने से दुर्गध उठती रहती है। आहूजा का तर्क था कि निगम बैठकों में उन्होंने कुत्तों की बढ़ती संख्या का मुद्दा कई बार उठाया, लेकिन निगम कुत्तों पर ही नियंत्रण नहीं कर पाया। छह माह से दावा किया जा रहा है कि कुत्तों को पकड़ने के लिए दो नए वाहन आने वाले हैं। अब तक नए वाहनों की व्यवस्था नहीं हो सकी। संपत्ति कर का भुगतान करने वालों को बैंक की तरह पासबुक देने के प्रस्ताव पर मंजूरी के बाद पहल नहीं हुई। निगम प्रशासन एक साल में पार्को में बेंच भी उपलब्ध नहीं करा पाया। विपक्ष की नेता वरयाम कौर ने निगम के उत्तरी जोन सीमा के सौ फुटा रोड छज्जूपुर व नया सीलमपुर में बगैर नक्शा मंजूर कराए खड़ी इमारतों का मामला उठाते हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की मांग उठाई।