अब टैक्स चुराने वालों पर गाज बनकर गिर सकता है.इनकम टैक्स विभाग का 'ऑपरेशन क्लीन मनी' डिपार्टमेंट टैक्स रिटर्न भरने वाले लोगों के ऐसे खातों की जांच में जुटा है जिनमें 2 लाख रुपये से ज्यादा जमा हुए हैं. साल 2017-18 के लिए जारी किए गए रिटर्न फॉर्म में इस बाबत एक नए कॉलम का प्रावधान है. इस कॉलम में दी गई जानकारी को बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से मिले डाटा से मिलाया जा रहा है.
टैक्स चुराने वालों की नहीं खैर
इतना ही नहीं, आयकर विभाग ने ऐसे करीब 1.37 करोड़ लोगों की लिस्ट तैयार की है जिन्होंने टैक्स रिटर्न नहीं भरा है. इन लोगों पर टैक्स चुराने का शक है और इनकी शिनाख्त विभाग के नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएस) के तहत की गई है. खबरों के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने '360 डिग्री प्रोफाइलिंग' व्यवस्था शुरू की है. इसके तहत विभाग के डाटा बेस में सभी टैक्स चुकाने वालों का प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है. इस प्रोफाइलिंग के आधार पर आयकर अदा करने वालों को 'हाई-रिस्क' और दूसरी श्रेणियों में बांटा जा रहा है.
'ऑपरेशन क्लीन मनी' का दूसरा चरण
ये सभी कदम डिपार्टमेंट के 'ऑपरेशन क्लीन मनी' के दूसरे चरण का हिस्सा हैं. इस चरण को इस महीने के आखिर तक पूरी तरह अमल में लाया जाएगा और इसमें ऐसे टैक्स चुकानों वालों पर शिकंजा कसेगा जिन्होंने 31 मार्च तक अघोषित संपति को सार्वजनिक नहीं किया है. ऑपरेशन के पहले चरण में विभाग ने करीब 18 लाख नोटिस भेजे थे. ये सभी नोटिस नोटबंदी के बाद जमा किये गए कैश से जुड़े थे. इनमें से 8.38 लाख पैन कार्ड धारकों के 12 लाख जवाब मिले थे.
खत्म हुई ब्योरा देने की डेडलाइन
इससे पहले विभाग ने अघोषित आय और नोटबंदी के बाद जमा रकम की घोषणा के लिए 31 मार्च की डेडलाइन रखी थी. ये समयसीमा खत्म होने के बाद गुरूवार को निर्माण क्षेत्र से जुड़े एक बिजनेस ग्रुप के 30 ठिकानों पर छापे मारे गए थे. इसके अलावा पुणे में एक अन्य बिजनेस समूह के 19 ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई थी.