कोलंबो।। कोलंबो से 190 किलोमीटर दूर स्थित हल्दुमुल्ला गांव में भारी बारिश के बाद बुधवार को आया भूस्खलन औरइस भूस्खलन में 100 से अधिक लोग मारेगए। इलाके में अधिकतर भारतीय मूल के तमिल रहते हैं।
भूस्खलन की चपेट में आकर मलबेके नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए गुरुवार सुबहएक बार फिर शुरू हो गया। राहत और बचाव कार्य में किसी के भी जिंदा बचेहोने की संभावनाएं समाप्त हो गई हैं। सरकार ने पहले इस दुर्घटना में 300 लोगों केमारे जाने की आशंका जताई थी। दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद आपदाप्रबंधन मंत्री महिंदा अमरावीरा ने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि मलबे के नीचे अब कोई जिंदा बचा है।
भूस्खलन की चपेट में आकर मरनेवालों की संख्या कम रहने के संबंध में अमरावीरा नेबताया कि जिस समय यह दुर्घटना हुई उस समय कुछ बच्चे और कामगार अपने घर पर नहीं थे। इसी कारण से मृतकों की संख्या कमरही।
गौरतलब है कि प्रभावित इलाकोंमें अधिकतर भारतीय मूल के तमिलों को तत्कालीनब्रिटिश शासन के तहत रबड़ और कॉफी की खेती के लिए सस्ते श्रमिकों के रूप में यहां बसाया गया था। इस इलाके में भूस्खलनके खतरे को देखते हुए 2005 और 2012 में लोगों कोइसे छोड़ने की सलाह दी गई थी। लेकिन इसे नजर अंदाज किया।